योगेन्द्र सिंह छोंकर
रोम रोम में
रमने वाला
राम रमा है
मंदिर में
जर्रे जर्रे से
आज जुदा हो
खुदा खो गया
मस्जिद में
सुनने को
फरियादें
जनता की
समय नहीं
दोनों के पास
खा खा के धक्के
दरबारों में
जनता लौट रही
उदास
लगाते फिरते
चक्कर वकीलों के
ढोते फिरते
पुलंदे अपीलों के
खड़े रहकर दिन भर
लौटते हैं लेकर
अगली तारिख
दरअसल
एक ही मकान पर
दोनों एक दावे है
और लाखों दूसरे
मामलों की तरह
यह भी
माननीय न्यायालय में
लंबित है
रोम रोम में
रमने वाला
राम रमा है
मंदिर में
जर्रे जर्रे से
आज जुदा हो
खुदा खो गया
मस्जिद में
सुनने को
फरियादें
जनता की
समय नहीं
दोनों के पास
खा खा के धक्के
दरबारों में
जनता लौट रही
उदास
लगाते फिरते
चक्कर वकीलों के
ढोते फिरते
पुलंदे अपीलों के
खड़े रहकर दिन भर
लौटते हैं लेकर
अगली तारिख
दरअसल
एक ही मकान पर
दोनों एक दावे है
और लाखों दूसरे
मामलों की तरह
यह भी
माननीय न्यायालय में
लंबित है